Jeev, Rasayan, Bhautik Vigyan Kise Kahate Hain.
- Aman Kumar
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Jeev, Rasayan, Bhautik Vigyan Kise Kahate Hain.
Vigyan Kise Kahate Hain.
विज्ञान को मुख्यत दो भागों में बांटा गया है जिसमें Bhautik Vigyan, Jeev vigyan है Rasayan Vigyan, Bhautik Vigyan का एक शाखा है ।
- bhautik vigyan (भौतिक शास्त्र विज्ञान)
- jeev vigyan (जैविक शास्त्र विज्ञान/जीव विज्ञान)
Bhautik vigyan (भौतिक शास्त्र विज्ञान) का वह शाखा जिसके अंतर्गत निर्जीव वस्तुओं का अध्ययन विस्तार पूर्वक क्या जाता है उसे bhautik Vigyan Kahte हैं।
जैसे :- वनस्पति शास्त्र, जीव या प्राणी शास्त्र
Bhautik Vigyan Kise Kahate Hain.
Bhautik Vigyan (भौतिक विज्ञान) :- “फिजिक्स”(physics) ग्रीक शब्द फ्यूसीस से लिया गया है,जिसका अर्थ प्रकृति होता है । भौतिक मूल रूप से संस्कृत शब्द है ,जिसका अर्थ भौतिक संसार होता है ,
इसी प्रकार भौतिक विज्ञान की परिभाषा :-
प्राकृति एवं प्राकृति में घटने वाली विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं का प्राकृति अध्ययन विज्ञान की जिस शाखा में किया जाता है उसे हम bhautik vigyan Kahte हैं ।
Rasayan Vigyan Kise Kahate Hain.
Rasayan Vigyan (रसायन शास्त्र) :- विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत पदार्थों के भौतिक या रसायनिक गुण संरचना संगठन अथवा पदार्थों के भौतिक या रासायनिक परिवर्तन या इनके नियमों का अध्ययन जिस शाखा में किया जाता है , उसे Rasayan Vigyan Kahte हैं।
“लैबोजियर” रसायान शास्त्र के जनक कहे जाते हैं विकास एवं अध्ययन के सुविधा हेतु रसायान शास्त्र को मुख्यतः तीन भागों में बांटा गया है ।
Rasayan Vigyan के तीन भाग :-
- भौतिक रसायन शास्त्र
- कार्बनिक रसायन शास्त्र
- कार्बनिक रसायन शास्त्र
1.भौतिक रसायन शास्त्र:-
Rasayan Vigyan के वह भाग जिसके अंतर्गत पदार्थ के गुण एवं संरचनाओं का परिवर्तनों का अध्ययन विस्तारपूर्वक करते हैं
2. कार्बनिक रसायन शास्त्र:-
Rasayan Vigyan का वह भाग जिसके अंतर्गत कार्बन से बने यौगिक का विस्तार पूर्वक अध्ययन किया जाता है, उसे कार्बनिक रसायन शास्त्र कहते हैं।
3.अकार्बनिक रसायन शास्त्र:-
Rasayan Vigyan का वह भाग जिसके अंतर्गत कार्बनिक यौगिक को छोड़कर शेष अन्य यौगिक का अध्ययन विस्तार पूर्वक जिस भाग में किया जाता हो उसे अकार्बनिक रसायन शास्त्र कहते हैं।
-: ध्यान दें :-
अकार्बनिक यौगिक मृत श्रोत से प्राप्त होता है कार्बनिक योगिक जीवित प्राणी से प्राप्त होता है जैसे किसी जानवर को जलाने पर उसके शरीर या उसके अस्तित्व को जलने से जो धुआं निकलता है।
“काला” वह कार्बन होता है तथा किसी निर्जीव वस्तु जैसे लकड़ी लकड़ी को जलाने पर जो धुआं निकलता है वह अकार्बनिक धुआं होता है
और जीवित प्राणी से जो धुआं निकलता है “काला” जैसा वह कार्बनिक होता है इस तरह हमें पता चल सकता है कि कौन कार्बनिक है कौन अकार्बनिक है।